Stories Of Premchand

चंद्रधर शर्मा गुलेरी की लिखी कहानी विद्या से दुख, Vidya Se Dukh - Story Written By Chandradhar Sharma Guleri

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Sinopsis

एक बहू पशु-पक्षियों की भाषा जानती थी। आधी रात को श्रृगाल को यह कहता सुनकर कि नदी का मुर्दा मुझे दे दे और उसके गहने ले ले, नदी पर वैसा करने गई। लौटती बार श्वसुर ने देख लिया। जाना कि यह अ-सती है। वह उसे पीहर पँहुचाने ले चला। मार्ग में करीर के पेड़ के पास से कौआ कहने लगा कि इस पेड़ के नीचे दस लाख की निधि है, निकाल ले और मुझे दही-सत्तू खिला। अपनी विद्या से दुख पाई वह कहती है-- मैंने जो एक दुर्नय (अविनय, कुनीति) किया, उससे घर से निकाली जा रही हूँ। अब यदि दूसरा करूंगी तो कभी भी अपने प्रिय से नहीं मिल सकूंगी अर्थात मार दी जाऊंगी।