Stories Of Singhasan Battisi

सिंहासन बत्तीसी: सत्रहवीं पुतली विद्यावती : Vidyavati

Informações:

Sinopsis

विद्यावती विद्यावती नामक सत्रहवीं पुतली ने जो कथा कही वह इस प्रकार है- महाराजा विक्रमादित्य की प्रजा को कोई कमी नहीं थीं। सभी लोग संतुष्ट तथा प्रसन्न रहते थे। कभी कोई समस्या लेकर यदि कोई दरबार आता था उसकी समस्या को तत्काल हल कर दिया जाता था। प्रजा को किसी प्रकार का कष्ट देने वाले अधिकारी को दण्डित किया जाता था। इसलिए कहीं से भी किसी तरह की शिकायत नहीं सुनने को मिलती थी। राजा खुद भी वेश बदलकर समय-समय पर राज्य की स्थिति के बारे में जानने को निकलते थे। ऐसे ही एक रात जब वे वेश बदलकर अपने राज्य का भ्रमण कर रहे थे तो उन्हें एक झोंपड़े से एक बातचीत का अंश सुनाई पड़ा। कोई औरत अपने पति को राजा से साफ़-साफ़ कुछ बताने को कह रही थी और उसका पति उसे कह रहा था कि अपने स्वार्थ के लिए अपने महान राजा के प्राण वह संकट में नहीं डाल सकता है।  विक्रम समझ गए कि उनकी समस्या से उनका कुछ सम्बन्ध है। उनसे रहा नहीं गाया। अपनी प्रजा की हर समस्या को हल करना वे अपना कर्त्तव्य समझते थे। उन्होंने द्वार खटखटाया, तो एक ब्राह्मण दम्पत्ति ने दरवाजा खोला। विक्रम ने अपना परिचय देकर उनसे उनकी समस्या के बारे में पूछा तो वे थर-थर काँपने लगे। जब उन्हों

Únete Ahora

Únete Ahora

  • Acceso ilimitado a todo el contenido de la plataforma.
  • Más de 30 mil títulos, incluidos audiolibros, podcasts, series y documentales.
  • Narración de audiolibros por profesionales, incluidos actores, locutores e incluso los propios autores.
Prueba ahora Firma sin compromiso. Cancele cuando quiera.

Compartir